बसपा सुप्रीमो मायावती कांग्रेस से नहीं करेंगी गठबंधन, ये है वजह
New Delhi. लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत से लगे हुए हैं। इस बीच चर्चा यह भी हो रही है कि यदि भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत से नहीं आती है तो क्या कांग्रेस गठबंधन के जरिए सरकार बनाएगी। यदि कांग्रेस सरकार बनाएगी तो क्या बसपा सुप्रीमो मायावती कांग्रेस को समर्थन देंगी। ये तमाम सवाल हैं, जो आम जनता और राजनीतिक विश्लेषकों के मन में उठ रहे हैं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में 25 सालों से दलित वोट मायावती का परम्परागत वोट माना जा रहा था, लेकिन 2014 में हुए लोकसभा चुनावों के बाद बसपा का परम्परागत वोट भारतीय जनता पार्टी की ओर ट्रांसफर हो गया, जिस वजह से मायावती को काफी नुकसान हुआ। वहीं, 2017 के विधानसभा चुनावों में भी बहुजन समाज पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई थी। इसके बाद से मायावती उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन को वापस लाने के लिए लगातार काम कर रही हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव भले लोकसभा के लिए हो रहा हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, सपा और बसपा 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गई हैं। ऐसे में सवाल उठता है, क्या सपा और बसपा विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ेंगे। हालांकि इसे लेकर अभी कोई बात सामने नहीं आई है।
वहीं, कांग्रेस यूपी में लोकसभा चुनावों में बसपा और सपा के साथ गठबंधन करना चाह रही थी, लेकिन गठबंधन में उसे जगह नहीं मिल सकी। इसके बाद कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी महासचिव बनाकर मैदान में उतार दिया। इसके साथ कांग्रेस ने पूर्वी उत्तर प्रदेश का उन्हें प्रभारी बना दिया। एक पत्रकार ने जब कार्यकर्ता से पूछा कि चुनावी तैयारी कैसी चल रही है तो बताया था सब ठीक, लेकिन इसके बाद प्रियंका ने दोबारा कहा, इस चुनाव की नहीं 2022 की।
इसके बाद से माना जा रहा है कि क्या कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रियंका के चेहरे पर मैदान में उतरेगी, क्योंकि कांग्रेस भी आगे की रणनीति बनाकर काम कर रही है। इसलिए टीम प्रियंका ने उत्तर प्रदेश की 40 ऐसी सीटों को चिन्हित किया है, जहां दलित मतदाताओं की संख्या 20 फीसदी से ज्यादा है।
इस खबर के आने के बाद से ही बसपा सुप्रीमो मायावती चौकन्ना हो गईं। इसके बाद प्रियंका गांधी और दलित नेता चंद्रशेखर के बीच मुलाकात से भी बसपा सुप्रीमो नाराज हैं, क्योंकि वो नहीं चाहती हैं कि यूपी में कोई दूसरा दलित चेहरा बने। यही नहीं, कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में भी बसपा नेता को कांग्रेस में शामिल कर लिया। ऐसी तमाम वजहें है, जो कांग्रेस और मायावती को गठबंधन करने से रोक सकती हैं।
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