बीजेपी को तगड़ा झटका, दर्जनों बड़े नेताओं ने एक साथ छोड़ी पार्टी
New Delhi. आगामी लोकसभा चुनाव 2019 और कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी को करारा झटका लगा है। दरअसल, एससी/एसटी एक्ट में केंद्र की मोदी सरकार की ओर से किए गए संसोधन को लेकर सवर्णों में नाराजगी है। सवर्ण संगठनों ने इसे लेकर भारत बंद का आह्वान भी किया था। भारत बंद के बावजूद भाजपा की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। भाजपा तमाम नेता नाराज हैं, जिसे लेकर वह पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। दर्जनों नेताओं ने एक साथा बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है, जिसे लेकर भाजपा में हड़कम्प मच गया है।
एससी/एसटी एक्ट को लेकर सवर्ण समाज का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। एससी/एसटी एक्ट के विरोध में सवर्ण संगठनों की ओर से भारत बंद बुलाया गया था, लेकिन भारत बंद की असफलता के बावजूद आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह एक्ट भाजपा के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है। नेताओं के विरोध और उनके इस्तीफे की खबरों ने भाजपा को चिंता में डाल दिया है। भाजपा नेताओं को लगता है कि पार्टी नेतृत्व सवर्णों की अनदेखी कर रहा है। इसी को देखते हुए भाजपा नेताओं ने पार्टी से किनारा करना शुरू कर दिया है।
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कटनी अध्यक्ष कन्हैया तिवारी समेत छह नेताओं ने भाजपा की सदस्यता छोड़ दी। बताया जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में इन नेताओं का अच्छा खासा प्रभाव है। इनके इस्तीफे से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश की मंत्री माया सिंह, राज्य सभा सांसद प्रभात झा और मंत्री यशोधराराजे सिंधिया के निवास सहित कांग्रेस कार्यालय के बाहर कार्यकर्ता धिक्कार पत्र चिपकाने में सफल रहे। टीकमगढ़ की भाजपा महिला मोर्चा की मंडल उपाध्यक्ष रजनी नायक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही भाजपा युवा मोर्चा के चार सवर्ण पदाधिकारियों ने भी इस्तीफा दिया है, जिसमें अभिषेक गंगेले, सचिन विदुआ, संकल्प विदुआ और संजय रावत शामिल हैं। रीवा के मऊगंज से पूर्व विधायक और बीजेपी नेता लक्ष्मण तिवारी ने भी एससी एसटी एक्ट के विरोध में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे डाला।
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