… तो इसलिए सपा-बसपा से भाजपा है खौफजदा
Lucknow. उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन से भारतीय जनता पार्टी को खौफ सताने लगा है। ‘कल तक भाजपा के लोग सपा और बसपा के गठबंधन को हल्के लिया करते थे। चलो अच्छा हुआ ‘देर आए दुरूस्त आये’, कम से कम उनमें इस गठबंधन को लेकर खौफ तो पैदा हुआ।’ यह बातें समाजवादी पार्टी के नेता दान बहादुर सिंह ने कही।
समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता दान बहादुर सिंह ने कहा कि भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने बनारस में अन्तत: स्वीकार कर ही लिया कि सपा एवं बसपा के संभावित गठबंधन से सावधान रहने की जरूरत है और ‘बुआ-बबुआ’ को किसी भी रूप में कमजोर नहीं आंकना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान जनता से किये झूठे वादों को सच साबित कर दिया होता तो उसे सपा और बसपा के गठबंधन से डरने की जरूरत नहीं होती।
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दान बहादुर ने कहा कि डरता वही है जिसके ‘मन में चोर’ होता है। इन्होंने जनता से केवल झूठे वादे किये इसलिए खौफजदा हैं। जनता ने विश्वास कर इन्हें देश और प्रदेश की बागड़ोर सौंपी थी, लेकिन उसे अब पछतावा हो रहा है। इसी का परिणाम रहा कि लोकसभा उपचुनाव में केशव प्रासद मौर्य की फूलपुर और योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर की सीट हाथ से निकल गयी। बाद में कैराना भी हाथ से चला गया।
सिंह ने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव भी बबुआ और बुआ का गठबंधन ही जीतेगा, भाजपा चाहे कितना ही जोर लगा ले। जनता भाजपा की ‘जुमलेबाजी’ समझ गयी है। सपा और बसपा के कार्यकर्ता बिखरने वाले नहीं हैं और जनता दोबारा भाजपा के धोखे में आने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता से भाजपा ने भय, भ्रष्टाचार मुक्त शासन, बेरोजगारों को नौकरी, किसानों के ऋण माफी और विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने के वादे पर सत्ता हासिल की थी।
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केन्द्र की सरकार के चार साल समाप्त हो गये, न बेरोजगारों को नौकरी मिली, न भय और भ्रष्टाचार मुक्त शासन ही मिला। विकास के नारे तो खूब लग रहे हैं लेकिन वह धरातल पर कहीं दिखायी नहीं दे रहा है। कानून व्यवस्था तो भगवान भरोसे। प्रदेश में जंगलराज कायम है।
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