अब एक मंच पर होंगे आरबीआई पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, सीएम योगी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत!
New Delhi. रघुराम राजन के भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहने के दौरान आएसएस की इकनॉमिक इकाई उनकी नीतियों की धुर विरोधी रही है ऐसे में रघुराम राजन के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित करना हैरान करने वाला है। सबसे खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में रघुराम राजन के अलावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा तमाम नेता और हिन्दूवादी संगठनों के नेता भी शामिल हो सकते हैं। यह आमंत्रण विश्व हिन्दू परिषद की ओर से दिया गया है।
स्वामी विवेकानंद के 11 सितंबर 1893 को शिकागो में दिए गए ऐतिहासिक भाषण के 125 साल पूरे होने के मौके पर 7-9 सितंबर को शिकागो वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम विश्व हिन्दू परिषद और अमेरिका में काम कर रहे अन्य हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों की ओर से आयोजित किया जा रहा है।
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इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विश्व हिन्दू परिषद ने रघुराम राजन समेत तमाम लोगों को आमंत्रित किया है। इस कार्यक्रम में आएसएस प्रमुख मोहन भागवत, तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हॉलिवुड स्टार रिचर्ड गेयर, श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के मुख्यमंत्री सीवी विघ्नेश्वरन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत तमाम लोग शामिल हो सकते हैं।
हालांकि बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को वर्ल्ड इकनॉमिक कॉन्फ्रेंस में बतौर वक्ता आमंत्रित किया गया है। इसमें शामिल होने वाले अन्य जाने-माने लोगों में स्पाइसजेट के एमडी अजय सिंह, पिरामल ग्रुप के चेयरमैन अजय पिरामल, केपीएमपी इंडिया के अरुण कुमार, वेस्ट ब्रिज कैपिटल के मैनेजिंग पार्टनर सुमीर चड्ढा, ग्रिफीथ फूड के सीईओ टी सी चटर्जी और नोवा ग्रुप के चेयरमैन नील भास्कर शामिल हैं।
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बता दें कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और आरएसएस के इकनॉमिक फोरम एक दूसरे का धुर विरोधी रहा है। ऐसे में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और रघुराम राजन का एक मंच होना या रघुराम राजन को आमंत्रित करना हैरान करने वाला है।
वहीं, इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में कांग्रेस की निगाहें भी उनके कार्यक्रम को लेकर टिकीं हुई हैं। कांग्रेस में संशय की स्थिति बनी हुई है कि आखिर प्रणब मुखर्जी आरएसएस के कार्यक्रम में क्या बोलेंगे! वहीं, रघुराम राजन के कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार और उनके बीच भी कई नीतियों को लेकर विवाद रहा। ऐसे में रघुराम राजन के भी शामिल होने की खबरों पर लोगों की निगाह बनी हुई है।
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